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बाल कविताएँ / भाग 14 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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13:43, 3 मई 2020
आसमान पर जहाज उड़े
जिधर चाहता उधर
मुड़॥
मुड़े॥
छुक-छुक करके
आरी
आती
रेल
दूर-दूर तक जाती रेल ।
वीरबाला
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