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स्वच्छ, सजग अधिकार कहाँ / शेरजंग गर्ग
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06:40, 28 मई 2020
जीर्ण और संकीर्ण व्यवस्था
पर,आदर्श
प्रहर
प्रहार
कहाँ है?
लाशों के अम्बार लगे हैं
ख़ुद पर जो आसक्त नहीं हो
अब ऐसा
खुद्दार
ख़ुद्दार
कहाँ है?
इंसानों की खोज हो रही
आप पूछते प्यार कहाँ है?
</poem>
Abhishek Amber
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