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07:54, 7 जून 2020 {{KKGlobal}}
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कान कनैठी अटकन चटकन
पटरी इसलेट हवे बचपन
साफ करेजा आ निश्छल मन
खेले कूदे के करत जतन
घोघो रानी केतना पानी
कहे कहानी दादी नानी
मछरी हउवे जल के रानी
मर जाला जे बिन पानी
</poem>