Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= इरशाद अज़ीज़ |अनुवादक= |संग्रह= मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= इरशाद अज़ीज़
|अनुवादक=
|संग्रह= मन रो सरणाटो / इरशाद अज़ीज़
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
माटी री सौरम
सांसां मांय घुळ जावै
तो जीवण सफळ होय जावै

माटी रो मिनख
जे आपरी माटी नैं याद नीं राखै
तो उणरै जीवण रो कांई मोल!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits