माटी री सौरम
सांसां मांय घुळ जावै
तो जीवण सफळ होय जावै
माटी रो मिनख
जे आपरी माटी नैं याद नीं राखै
तो उणरै जीवण रो कांई मोल!
माटी री सौरम
सांसां मांय घुळ जावै
तो जीवण सफळ होय जावै
माटी रो मिनख
जे आपरी माटी नैं याद नीं राखै
तो उणरै जीवण रो कांई मोल!