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किस पे ये ग़म असर नहीं / हस्तीमल 'हस्ती'
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11:51, 18 जून 2020
उन गुलों में महक नहीं आती
खारों
ख़ारों
में जो बसर नहीं करते
रोने का भी सलीका होता है
अपने दामन को तर नहीं करते
</poem>
Abhishek Amber
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