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ज़ुल्म का सामना करे कुछ तो / हस्तीमल 'हस्ती'
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12:15, 18 जून 2020
बादलों उनकी सोचिए कुछ तो
वक़्त का भी नहीं हो
ख़ौफ जिन्हें
ख़ौफ़ उन्हें
ऐसे हों अपने फ़ैसले कुछ तो
Abhishek Amber
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