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<poem>इश्क इश्क़ तो है ऐसा मंतर क्या बताएँ आपको
संग को भी कर दे गौहर क्या बताएँ आपको
दिन गिने हैं ज़िंदगी भर क्या बताएँ आपको
इश्क इश्क़ के मारे हैं सब शैदाई हैं सब इश्क इश्क़ के
क्या सुख़नवर क्या कलंदर, क्या बताएँ आपको
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