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ग़रीबी से बढ़कर सज़ा ही नहीं है / डी. एम. मिश्र
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10:23, 9 जुलाई 2020
ग़रीबों का कोई ख़ुदा ही नहीं है ?
मुझे
फ़िक्ऱ
फ़िक्र
उनकी है जिनके घरों में
कई दिन से चूल्हा जला ही नहीं है
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