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मैं होशे-अनादिल<supref>1बुलबुल के स्वभाव का</supref> हूँ मुश्किल है सँभल जाना ऐ बादे-सबा <ref>सवेरे की हवा</ref> मेरी करवट तो बदल जाना
तक़दीरे-महब्बत हूँ मुश्किल है बदल जाना
सौ बार सँभल कर भी मालूम सँभल जाना
उस आँख की मस्ती हूँ ऐ बादाकशो<supref>2शराब पीने वालों </supref> जिसका
उठ कर सरे-मैख़ाना मुमकिन है बदल जाना
अय्यामे-बहारां <ref>बहार के दिनों</ref> में दीवानों के तेवर भी जिस सम्त <ref>ओर,तरफ़</ref> नज़र उट्ठी आलम का बदल जाना
घनघोर घटाओं में सरशार <ref>मस्त</ref> फ़ज़ाओं में मख्म़ूर <ref>नशे में चूर,नशे में धुत</ref> हवाओं में मुश्किल है सँभल जाना
हूँ लग़्जिशे मस्ताना<supref>3मस्ताने की लड़खड़ाहट</supref> मैख़ान-ए-आलम में बर्के़-निगहे-साक़ी <ref>साक़ी की निगाह की बिजली</ref> कुछ बच के निकल जाना
इस गुलशने-हस्ती में कम खिलते हैं गुल ऐसे
मैं साज़े-हक़ीक़त हूँ सोया हुआ नग़्मा था
था राज़े-निहां <ref>छुपा हुआ राज़</ref> कोई परदों से निकल जाना
हूँ नकहते-मस्ताना<supref>4मस्ती-भरी महक</supref> गुलज़ारे महब्बत में
मदहोशी-ए-आलम है पहलू का बदल जाना
जो तर्ज़े-गज़लगोई मोमिन ने तरह की थी
सद-हैफ़ <ref>सौ दुख</ref> फ़ि‍राक़ उसका सद-हैफ़ बदल जाना 1- बुलबुल के स्वभाव का। 2. शराब पीनेवाली। 3. मस्ताने की लड़खड़ाहट। 4. मस्ती -भरी महक।
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