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ये सच है—देह के बाहर भी देखना होगा / जहीर कुरैशी
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| रचनाकार= जहीर कुरैशी
|संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी
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[[Category:ग़ज़ल]]
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ये सच है देह के बाहर भी देखना होगा
मगर कभी —कभी अंदर भी देखना होगा
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