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तेरू ही शुभाशीष च / संदीप रावत

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तेरू ही शुभाशीष च हे जो कुछ बि पायि मिन
माता सरस्वती हे माँ , माता सरस्वती हे माँ
माता भगवती हे माँ ..

गीत, शब्द, लय ,ताल ,छन्द त्वेसे ही औंदन
मिठ्ठी वाणी,मिठ्ठा बोल कण्ठ त्वेसे ही औंदन
मेरा कण्ठ -कलम मा वास हो , कण्ठ -कलम मा वास हो
माता सरस्वती हे माँ.. ,तेरू ही शुभाशीष च हे..

मि निराट अग्यानी छौ ,खोटु छौ मि भारी माँ
कुपथ बटि सुबाटोम् त्वेन ही मी राखी माँ
सत का बाटाें हिटदी रौं , सच सदानि लिखदी रौं
माता सरस्वती हे माँ....
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