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कृतघ्न मत ठनो
नदी- से बनो ।
33गंगा महानअमित प्रताप हैकरें सम्मान।34झरती रहेआशीष धरा परधरती रहे।35अमृतदानप्रत्येक बूँद है रीगंगा महान।36मोक्षदायिनीपुनः- पुनः जन्म लूँ तेरी ही धरा
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