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अश्रु तुम्हारे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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09:17, 23 जून 2021
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17 -06-2021
अश्रु तुम्हारे
मेरे हृदय से बहे
वश जो चले।
-0-
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वीरबाला
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