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अश्रु तुम्हारे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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15:50, 10 अक्टूबर 2021
मोक्ष न माँगूँ
अहोरात्र मैं माँगूँ
साथ तुम्हारा।/
सिर्फ़ तुम्हीं को।
10
मरुभूमि मैं
वीरबाला
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