गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बहुत दिन तक ... / श्यामनन्दन किशोर
3 bytes added
,
05:37, 23 अक्टूबर 2021
<poem>
बहुत दिन तक बड़ी उम्मीद से देखा, तुम्हें जलधर!
मगर क्या बात है ऐसी, कहीं गरजे,
कीं
कहीं
बरसे!
जवानी पूछती मुझसे
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,130
edits