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12:07, 20 दिसम्बर 2021 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आन्ना अख़्मातवा
|अनुवादक=राजा खुगशाल
|संग्रह=
}}
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<poem>
शैतान ने
पता नहीं लगने दिया मुझे
अपने बारे में
लेकिन सब जानती हूँ मैं
स्पष्ट थे वहाँ उसकी ताक़त के चिह्न
मेरे सीने से खींच लो मेरा हृदय
डाल दो उसे भूखे कुत्ते के सामने
मैं और किसी काम की नहीं
अब एक भी शब्द शेष नहीं है मेरे पास
कहने के लिए
नहीं है वर्तमान
गर्व है मुझे सिर्फ़ अतीत पर
और इस शर्म से
दम घुट रहा है मेरा ।
सितम्बर 1922
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजा खुगशाल'''
</poem>
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