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15:13, 21 जनवरी 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अपअललोन ग्रिगोरिइफ़
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=
}}
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<poem>
दो गिटार बज रहे थे
दुख से
बिसूर रहे थे
बचपन की
एक यादगार धुन
मेरे पुराने दोस्त हो न तुम ?’
से मन को पूर रहे थे ।
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''और लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Аполло́н Григо́рьев
Цыганская венгерка
Две гитары,
зазвенев,
Жалобно заныли…
С детства
памятный напев,
Старый друг мой — ты ли?
</poem>