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हंगरी की बंजारन / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
दो गिटार बज रहे थे
दुख से
बिसूर रहे थे
बचपन की
एक यादगार धुन
मेरे पुराने दोस्त हो न तुम ?’
से मन को पूर रहे थे ।
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Аполло́н Григо́рьев
Цыганская венгерка
Две гитары,
зазвенев,
Жалобно заныли…
С детства
памятный напев,
Старый друг мой — ты ли?