Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मरीने पित्रोस्यान |अनुवादक=उदयन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मरीने पित्रोस्यान
|अनुवादक=उदयन वाजपेयी
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरा हृदय दुखी है
मुझे अपनी माँ
और मेरी अपनी याद आती है

जब मैं इतनी छोटी थी कि
मेरा सिर
हमारी खिड़की तक नहीं पहुँचता था

और मुझे याद है कि
जब मैं छोटी थी बिना किसी कारण
हमेशा उदास रहती थी

वह बिना कारण की उदासी थी
स्थायी और भारी
फिर मैं बड़ी हो गई

अब मेरा दुख स्थायी नहीं है
बीच बीच में
हर्ष के कुछ अन्तराल भी आते हैं

पर अब माँ कहीं भी
खोजे नहीं मिलती
वह स्थायी रूप से
जा चुकी है

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयन वाजपेयी'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,612
edits