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12:52, 12 अक्टूबर 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=देवनीत
|अनुवादक=जगजीत सिद्धू
|संग्रह=
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'''अक्शा परवेज़ एक सोलह वर्षीय मुस्लिम लड़की थी, जिसे दिसम्बर 2003 में टोरण्टो में उसके पिता ने इसलिए क़त्ल कर दिया था, क्योंकि वह अपनी पसन्द के कपड़े पहनती थी।'''
अक्शा मैं तेरा बाप नहीं हूँ,
एक शायर हूँ ...
मैं ही तेरा क़ातिल हूँ,
यहाँ,
जब भी कोई क़त्ल होता है,
तो सिर्फ़,
शायर को पता होता है,
और किसी को तो पता ही नहीं होता,
कि
यहाँ कोई क़त्ल भी हुआ है ....
—
'''मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : जगजीत सिद्धू'''
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