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हमारे बाद / अन्द्रेय दिमेन्तियफ़ / वरयाम सिंह
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19:32, 27 नवम्बर 2022
लगातार आते रहेंगे लोग इन रास्तों पर
बार-बार पुराना देवदार
अपनी पत्तियाँ फेंकता रहेगा हमारी खिड़कियों के पास ।
हमारे बाद भी चीज़ें रहेंगी इसी तरह
अगर ईश्वर की दया-दृष्टि रहे।
'''मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह'''
अनिल जनविजय
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