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हमारे बाद / अन्द्रेय दिमेन्तियफ़ / वरयाम सिंह

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सब कुछ जैसा है रहेगा
पर हम नहीं रहेंगे ।
सब कुछ लुटा चुकने के बावजूद
कम नहीं होगा वैभव इस दुनिया का ।

आकाश के चेहरे पर
लुढ़क आया एक दहकता आँसू
कुछ भी नहीं है इसमें असाधारण ।
वैसे मृत्यु का डर मुझे नहीं
पर तोड़नी होगी विवेकहीनता
धरती और आकाश के रहस्यमय सम्बन्ध ।
चाहे वे रहे धागे की तरह लगभग अदृश्य
या खेतों के ऊपर छाए एकान्त मौन
या अलाव के पास आहिस्ते से गूँजते गीत
या देर से निकल आए आँसुओं की तरह ... ।

यही था क्रम चीज़ों का आने के पहले
और यही रहेगा मेरे बाद ।
फिर भी आसान नहीं है घटित हुए से अलग होना ।
उस सबसे जिसने हमें आकृष्ट किया
या बना रहा जो उदासीन हमारे प्रति ।

लगातार आते रहेंगे लोग इन रास्तों पर
बार-बार पुराना देवदार
अपनी पत्तियाँ फेंकता रहेगा हमारी खिड़कियों के पास ।
हमारे बाद भी चीज़ें रहेंगी इसी तरह
अगर ईश्वर की दया-दृष्टि रहे।

मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह

लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
                   Андрей Дементьев
              Все будет также после нас

Все будет также после нас, а нас не будет,
Когда нам мир сполна воздаст — у мира не убудет.
По небу скатится звезда слезой горючей
И не останется следа — обычный случай.
Я вроде смерти не боюсь, хотя нелепо
Порвать загадочный союз земли и неба.
Хотя бы ниточкой одной, едва заметной
Став одинокой тишиной на рощей летней,
Негромкой песней у огня, слезою поздней…
Но так же было до меня и будет после.
И все ж расстаться нелегко со всем, что было
И то, что радостью влекло и что постыло.
Но кто-то выйдет в первый раз вновь на дорогу,
И сбросит листья старый вяз у наших окон ….
Все будет также после нас — и слава богу.

1972 г.