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05:30, 25 दिसम्बर 2022 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=गरिमा सक्सेना
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<poem>
सो जा बिटुआ प्यारी
सो जा राजदुलारी
सोये गोलू, रामू, शीलू,
सोये मुन्नू मुनिया
सोया सूरज, सोये पर्वत
सोयी सारी दुनिया
कलियाँ सोयीं, तितली सोयीं
सोयीं चिड़ियाँ सारी
सो जा राजदुलारी
चल सपनों में हम घूमेंगे
गायेंगे झूमेंगे
हँसते-हँसते मस्ती करते
झूले भी झूलेंगे
थपकी देकर तुझे सुलाऊँ
आ री निंदिया आ री
सो जा राजदुलारी
</poem>