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खड़ी होती हूँ फिर-फिर / माया एंजलो / शुचि मिश्रा
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11:37, 8 जनवरी 2023
तुम दुख में क्यों डूब जाते हो ?
शायद इसलिए कि मैं अपने मान से चलती हूँ
मानो कि तेल
की
के
कुएँ हों मेरी बैठक में
चाँद-सूरज की तरह
अनिल जनविजय
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