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निशा और उषा / बरीस पास्तेरनाक / हरिवंश राय बच्चन
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08:56, 22 मार्च 2023
झूम रहे थे तरुवर, लतिका की लहराती थीं अलकें ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : हरिवंश राय बच्चन
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अनिल जनविजय
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