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16:32, 5 दिसम्बर 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कानेको मिसुजु
|अनुवादक=तोमोको किकुची
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''डाण्डेलाइअन पीले रंग का छोटा-सा फूल होता है'''
नीले आसमान की गहराई में
डूबे हुए सितारे रात का इन्तज़ार करते हैं,
जैसे समुद्र के तल में छोटे स्फटिक रहते हैं ।
दिन में सितारे दिखाई नहीं देते ।
हम देख नहीं पाते, मगर वे रहते हैं, वैसे ही, जैसे
जो चीज़ें दिखाई नहीं पड़तीं, मगर वे होती हैं ।
डाण्डेलाइअन झड़कर बिखर गया ।
वो खपड़ों के बीच में चुपचाप छिपकर
वसन्त का इन्तज़ार करता हौ,
हम देख नहीं पाते उसकी मज़बूत जड़ ।
हम देख नहीं पाते, मगर वह रहती है, वैसे ही, जैसे
जो चीज़ें दिखाई नहीं पड़तीं, मगर वे होती हैं ।
'''मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची'''
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