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14:41, 7 दिसम्बर 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कानेको मिसुजु
|अनुवादक=तोमोको किकुची
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मुझे अकेलेपन का एहसास होता है,
मगर औरों को नहीं मालूम ।
मुझे अकेलेपन का एहसास होता है,
मगर मेरे सब मित्र हंसते हैं ।
मुझे जब अकेलेपन का एहसास होता है,
मेरी माँ मुझे प्यार करती है ।
मुझे जब अकेलेपन का एहसास होता है,
भगवान बुद्ध एकाकी होते हैं ।
'''मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची'''
</poem>