Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फ़ेर्नान्दो पेस्सोआ |अनुवादक=अन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=फ़ेर्नान्दो पेस्सोआ
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=
}}
<poem>
घर पहुँचने के लिए
उड़ान भरने को तैयार पेड़ों को
तूफ़ान
सब्र करने के लिए मजबूर करता है ।

देखो,
कितना तड़प रहे हैं वे
अपनी डालें-डगालें हिला रहे हैं ।

अपने घर
अपने ब्रह्माण्ड में
पहुँचने के लिए
बेचैन हैं वे !

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,331
edits