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12:34, 9 जून 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=जयप्रकाश भारती
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|संग्रह=
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<poem>
दिल्ली से इक बिल्ली आई,
बिल्ली क्या, मरगिल्ली आई ।
मैंने पूछा — बिल्ली ताई,
खाओगी तुम दूध-मलाई ?
खाकर दूध-मलाई, भाई,
वह तो करने लगी लड़ाई ।
करती फिरती म्याऊँ-म्याऊँ —
अभी भूख है, अब क्या खाऊँ ?
</poem>