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बिल्ली / जयप्रकाश भारती

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दिल्ली से इक बिल्ली आई,
बिल्ली क्या, मरगिल्ली आई ।

मैंने पूछा — बिल्ली ताई,
खाओगी तुम दूध-मलाई ?

खाकर दूध-मलाई, भाई,
वह तो करने लगी लड़ाई ।

करती फिरती म्याऊँ-म्याऊँ —
अभी भूख है, अब क्या खाऊँ ?