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10:03, 23 नवम्बर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नासिर अहमद सिकंदर
|संग्रह=
}}
<Poem>
वह बहुत पुराने--
यादगार गीत पर नृत्य कर रही
गीत के बोल- शब्द वही पुराने
अर्थ वही नहीं
गायन से गायब
गायिकी-अंदाज
संगीत से राग
सुरताल-थाप
झंकार
नृत्य से
उस वक़्त की अभिनेत्री के
पाँव की थिरकन
चेहरे से भाव-भंगिमाएँ
देह से रिदम की संगत
आवश्यक वस्त्र
सब से अहम छूमंतर
नृत्य सम्मोहन
मनभावन !
</poem>