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ब्लोक के लिए-1 / मरीना स्विताएवा
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15:49, 23 नवम्बर 2008
नीले, शीतल झरने का पानी का घूँट ।
गहरी नींद सुलाता है तुम्हारा नाम ।
रचनाकाल : 16 अप्रैल 1916
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह
अनिल जनविजय
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