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नानी के घर / शशि पाधा
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,
11 जनवरी
मामा से मिलने आई हूँ
(23 अगस्त , 2023)
'''*चाँद पर चंद्रयान के
सफलता पूर्वक
सफलतापूर्वक
पैर रखने का दृश्य देखते हुए मन में उमड़े उदगार मैंने शब्दों में बाँध लिये।'''
</poem>
वीरबाला
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