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दास्ताँ सुनो यारो लामकाँ मकीनों की / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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24 जनवरी
लामकाँ मकीनों की, सूफियों की पीरों की
बात कर रहे हैं हम
आज होंगी बातें बस
इल्म के ज़ख़ीरों की
हर ख़ुशी क़दम चूमे कायनात की उसके
SATISH SHUKLA
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