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ऊलजलूल टिप्पणियाँ / ल्येफ़ क्रपिवनीत्स्की / वरयाम सिंह
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,
12 मार्च
— बकवास करते चलो —
लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा नहीं ।
'''मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह'''
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अनिल जनविजय
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