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|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
कोहरीले
 
धुंधले बादलों को
 
पार कर आईं तुम
 
तुम्हारे कोमल गाल
 
हो उठे हैं लाल
 दिन यह ठंडा ठण्डा बहुत बीमार है 
और मैं डोल रहा हूँ यूँ ही
 
बदहवास-सा
 
मेरे ऊपर आलस्य और
 
उदासी सवार है
 
यह दुष्ट पतझड़
 
टोटका कर रहा है हम पर
 
पके फलों से धमकाए
 
देखो तो कैसे झूम रहा है
 
शिखरों से बात करे वह
 
चोटी पर चढ़कर
 
मकड़ी के जालों की जैसे
 
आँखें चूम रहा है
 
तेरे गालों की लाली का
 
यह कैसा प्रमाद है सब पर
 
जीवन का बेचैन नृत्य
 
चुपके से रुक गया है
 
उभर रहा है सूर्य अरुणिम
 
दूर वहाँ क्षितिज पर
 
धुंधले बादलों का कोहरा
 
पीछे छुप गया है
(रचनाकाल : 1911)
 
'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Осип Мандельштам
Ты прошла сквозь облако тумана...
 
Ты прошла сквозь облако тумана.
На ланитах нежные румяна.
 
Светит день холодный и недужный.
Я брожу свободный и ненужный...
(रचनाकाल : Злая осень ворожит над нами,Угрожает спелыми плодами, Говорит вершинами с вершинойИ в глаза целует паутиной. Как застыл тревожной жизни танец!Как на всем играет твой румянец! Как сквозит и в облаке туманаЯрких дней сияющая рана! 4 августа 1911)</poem>
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