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बन्द पुस्तक को खोलती है हवा / जहीर कुरैशी
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05:13, 4 फ़रवरी 2009
बन्द कमरे में सभ्य लोगों के
नंगे पन को टटोलती है हवा
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विनय प्रजापति
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