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{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हेमन्त कुकरेती
|संग्रह=
}}
<poem>
मैं दुनिया का नागरिक हूं
यह देश मेरा निवास है
दूसरे के समान जीवन
जीने के बारे में।
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