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11:04, 14 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=
}}
<poem>
नन्हें बच्चे
चलकर पहुँचते हैं स्कूल
मगर
छुट्टी होते ही
घर के लिए भागते हैं
आओ !
हम कोई ऎसा खेल रचाएँ
कि बच्चे
भागते हुए स्कूल आएँ
और घर
चलकर जाएँ ।
</poem>