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साथ, सम, शांत / शमशेर बहादुर सिंह
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01:25, 16 फ़रवरी 2009
<poem>
<pre>साथ, सम, शांत;
स्वप्न - सी सुंदर;
सिर्फ़ दो ममियाँ।
हम, तुम।
(1939)</pre>
</poem>
Eklavya
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