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क्यूँ ज़माने पे ऐतबार करूँ / बुनियाद हुसैन ज़हीन
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02:46, 21 फ़रवरी 2009
तुझको ख्वाबों से क्यूँ फरार करूँ
दिल ये कहता है तुझसे प्यार करूँ</poem
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Shrddha
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