Changes

खिलवाड़-१ / सुधा ओम ढींगरा

813 bytes added, 00:37, 26 फ़रवरी 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधा ओम ढींगरा }} <poem> दिन की आड़ में किरणो...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुधा ओम ढींगरा
}}
<poem>
दिन की आड़ में
किरणों का सहारा ले
सूर्य ने सारी खु़दाई
झुलसा दी.
धीरे से रात ने
चाँद का मरहम लगा
तारों के फहे रख
चाँदनी की पट्टी कर
सुला दी .
</poem>