दिन की आड़ में
किरणों का सहारा ले
सूर्य ने सारी खु़दाई
झुलसा दी.
धीरे से रात ने
चाँद का मरहम लगा
तारों के फहे रख
चाँदनी की पट्टी कर
सुला दी .