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00:44, 26 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुधा ओम ढींगरा
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<poem>
खुशियाँ ढूंढने चले
ग़म राह में गड़े थे.
ग़मों को चुन कर हटाया
दर्द साथ ही खड़े थे.
दर्द से रिश्ता जोड़ा
आंसू झर-झर झड़े थे.
आंसुओं को जब समेटा
दिन जीवन के कम पड़े थे.
</poem>