[[Category: कविता]]<poem>भेद मैं तुम्हारे भीतर जाना चाहती हूं<br>हूँरहस्य घुंघराले केश हटा कर <br>मैं तुम्हारा मुंह देखना चाहती हूं<br>हूँज्ञान मैं तुमसे दूर जाना चाहती हूं<br>हूँनिर्बोध निस्पंदता तक<br>अनुभूति मुझे मुक्त करो<br>आकर्षण मैं तुम्हारा विरोध करती हूं<br>हूँजीवन मैं तुम्हारे भीतर से चलकर आती हूं।हूँ।</poem>