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<Poem>
मैंने किताबें माँगीमांगी
मुझे चूल्हा मिला,
मैंने दोस्त माँगा मांगा मुझे दूल्हा मिला.
 मैंने सपने माँगेमांगे
मुझे प्रतिबंध मिले,
मैंने संबंध माँगे मांगे मुझे अनुबंध मिले.मिले।
कल मैंने धरती माँगी मांगी थी
मुझे समाधि मिली थी,
आज मैं आकाश माँगती मांगती हूँ
मुझे पंख दोगे?
</poem>
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