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|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'}}{{KKPageNavigation|पीछे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 15|आगे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 17|सारणी=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल'
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<poem>
बस अपने ही लिये रचा है तुमको प्रियतम ने मधुकर
अन्य रचित उसकी चीजों पर क्यों मोहित होता निर्झर