{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=तेजेन्द्र शर्मा]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:तेजेन्द्र शर्मा]]<poem>हवा में आज ये तुमसे जो मुलाकात हईतपते सहरा में जैसे प्यार की बरसात हुई
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~पहली मुस्कान तेरी आज भी है याद मुझेऐसा दिन निकला जिसकी फिर न कभी रात हुई
हवा में आज ये तुमसे जो मुलाकात हई<br>तेरा मासूम सा चेहरा मुझे तडपाता हैतपते सहरा में जैसे प्यार की बरसात न कभी बुझ सके ऐसी है मेरी प्यास हुई<br><br>
पहली मुस्कान तेरी आज भी है याद मुझे<br>तेरे हालात की मजबूरियों से वाकिफ़ हूँऐसा दिन निकला जिसकी फिर न कभी रात देखता दूर से तड़पूं, भला क्या बात हुई<br><br>
तेरा मासूम सा चेहरा मुझे तडपाता है<br>न कभी बुझ सके ऐसी है मेरी प्यास हुई<br><br> तेरे हालात की मजबूरियों से वाकिफ़ हूँ<br>देखता दूर से तड़पूं, भला क्या बात हुई<br><br> पूजता हूं तुम्हें मैं आज भी चाहूं दिल से<br>रब से मांगूंगा न कुछ, गर तू मेरे साथ हुई<br><br/poem>