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दुख, प्रेम और समय / आलोक श्रीवास्तव-२
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09:37, 19 मई 2009
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KKRachana
KKRachna
|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2
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अपने दुख कम प्रतीत होते हैं तब
और अपना प्रेम कहीं बड़ा ।
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Himanshu
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